Rajeev Namdeo Rana lidhorI

मंगलवार, 12 फ़रवरी 2013

मयखाना- राजीव नामदेव राना लिधौरी

मयखाना..........एक कविता
अदव करे न बुजुर्गो का न करे वो सलाम ।
ये कैसी छार्इ है मस्ती नौजवानो मे ।।
मंदिरो-मसिजद मे जाने का उनको वक्त नही।
उनकी हर शाम गुजर जाती है मयखाने मे ।।
                    राजीव नामदेव राना लिधौरी , टीकमगढ

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