Rajeev Namdeo Rana lidhorI

शुक्रवार, 14 जून 2013

cow


गाय(कविता)सुरभि यज्ञ आरेछा के उपलक्ष्य में

एक बहुउपयोगी पशु है गाय।
लेकिन, फिर भी,
कितनी है, असहाय।।
जो कसार्इयों द्वारा,
बेरहमी से काट दी जाती है।
चंद पैसों की ख़्ाातिर,
बेच दी जाती है।।
भला क्या, कोर्इ,
अपनी माँ को बेचता है ?
इस तरह काटता है ?
अरे! वो तो सदियों से ही,
हमारी माता के रूप में,
सदा ही पूजी जाती है।
लेकिन,तुम तो
मानव नहीं,दानव हो।
जो यह घ्रणित कृत्य करते हो।
अरे! क्या ?
ऊपर वाले से नहीं डरते हो।
कुछ तो इन पर रहम करो,
थोड़ा सा इनसे भी प्यार करो।।
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी,टीकमगढ़ म.प्र.

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