Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 1 नवंबर 2015

म.प्र.लेखक संघ ने 203वीं गोष्ठी ‘बाल साहित्य’ पर केन्द्रित हुई Date-1-11-2015


rajeev namdeo rana lidhoriम.प्र.लेखक संघ ने 203वीं गोष्ठी ‘बाल साहित्य’ पर केन्द्रित हुई   Date-1-11-2015

  टीकमगढ़//‘ गायत्री शक्तिपीठ बानपुर दरवाजा,टीकमगढ़ में नगर की सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र.लेखक संघ’ टीकमगढ़ की 203वीं गोष्ठी ‘बाल साहित्य’ केन्द्रित आयोजित की गयी
 जिसके मुख्य अतिथि कुण्डेश्वर के प्रसिद्ध बाल साहित्यकार पं.गुणसागर सत्यार्थी रहे व
अध्यक्षता भारत विजय बगेरिया ने की
जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में हाजी अनकर रहे।
सर्वप्रथम सीताराम राय ने सरस्वती वंदना‘ की -
स्वर की सरिता बहा शारदे। ज्ञान की जोत जगईयों।
मन वीणा झंकृत हो स्वर से,सरगत ज्ञान सजइयों।।
ततपश्चात गुणसागर सत्यार्थी ने अपने वक्तव्य में कहा कि -आज बाल साहित्य बहुत कम लिखा जा रहा है। बाल साहित्य लिखने का मूल उद्देश्य बाल जिज्ञासा को पूरा कराना होना चाहिए।
 ग्राम घुवारा से पधारे कवि राहुल चहुल चढार ने कविता पढ़ी-
       आज कभी जब रातों सहसा ही उठ जाता हूँ।
    डर जाता हूँ  माँ मैं जब तुमको नहीं पाता हूँ।।
म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बाल कविता ‘पँूछ हमारी होती’ सुनायी-
 सोचो प्यारी होती पँूछ हमारी होती।
 किसी किसी की पतली होती और किसी की झबरी होती।।

 ग्राम लखौरा से पधारे बुन्देली कवि गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने पढ़ा -
‘चिडि़या चुहू -चुहू कर गारई।
तितली आसमान में छारई।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने कविता बच्चों पर केन्द्रि चुटकुले सुनाये।
सियाराम अहिरवार ने कविता पढ़ी- सीढ़ी लगा गगन चढ़ जाऊँ।
तारे तोड़कर लाऊँ।
 गूँथकर धागों में तारों को माला एक बनाऊँ।।
शायर हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र ने ग़ज़ल पढ़ी-
वे देखो हाथी आया है। बच्चों ने शोर मचाया है।
  कुछ उसके पीछे चलते है। पर डर तो दिल में समाया है।।
्रग्राम कुण्डेश्वर के बाल साहित्यकार पं.गुणसागर सत्यार्थी ने गीत गाया-
आओ मिलकर झूला झूले,झूल झूलकर बादल झूले।
बादल कुछ नीचे आ जाएँ,हम भी अपनी पेंग बढ़ाएँ।।
पूरन चन्द्र गुप्ता ने सुनाया- चींटी बोली हाथी से रस्ता मेरा साफ करो,
 हाथी बोला हाँ,हाँ दीदी,अब गुस्ताखी माफ करो।।
भारत विजय बगेरिया ने कविता पढ़ी-
ठंड़ी आई ठंडी आई, बच्चों से उठायी रजाई।
बड़ों ने झटपट आग जलाई।।
बी.एल जैन ने कविता पढ़ी- कैसा अनोखा ये संसार है।
रमता इसी में आदमी बार बार है।
इनके आलावा आर.एस शर्मा,पीएल.कड़ा(कुण्डेश्वर), प्रकाश तिवारी (कारी),गोमती कुशवाहा आदि ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी।
 गोष्ठी संचालन पूरनचन्द्र गुप्ता ने किया एवं
सभी का आभार प्रदर्शन राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया।

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
     अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
    मोबाइल-9893520965,   

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