Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 7 अगस्त 2016

‘राना लिधौरी’ द्वारा संपादित ‘आकांक्षा’ पत्रिका का 11वाँ अंक विमोचित

‘राना लिधौरी’ द्वारा संपादित ‘आकांक्षा’ पत्रिका का 11वाँ अंक विमोचित
(‘गीत’ पर केन्द्रित हुई म.प्र.लेखक संघ कीे 213वीं गोष्ठी)
date- 7-8-2016
टीकमगढ़//‘ परमेश्वरीदास तिवारी के निवास सराय मुहल्ला में साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ की 213 वींे गोष्ठी  ‘गीत’ पर केन्द्रित आयोजित की गयी
 जिसके मुख्य अतिथि गीतकार वीरेन्द्र चंसौरिया रहे व
 अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार रामगोपाल रैकवार ने की,
जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में अमिताभ गोस्वामी साहब रहे।
 म.प्र. लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौर द्वारा संपादित जिले की एकमात्र साहित्यिक पत्रिका ‘आकांक्षा’ के ग्यारहवे अंक 2016 का विमोचन किया गया।
दूसरे दौर में गीत गोष्ठी हुई
 जिसमें सर्वप्रथम सीताराम राय ने सरस्वती बंदना पढ़ यह गीत सुनाया- 
 ये तो मेरे देश की झाँकी है,अमृतसर, अजमेर, अयोध्या स्वदेश की झाँकी है।
 युवा कवि रवीन्द्र यादव ने कविता पढ़ी-है माँ कितनी प्यारी तू, है माँ कितनी न्यारी तू।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा-एकता की कहानी तिरंगा, चेतना की निशानी तिरंगा।।
म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने
 सावन पर शिव की अराधना में ग़ज़ल पढ़ी-
हे देवो में देव महादेव आदि नाथ कहलाते है,
 मुझको तो ये भोला भाला शंकर अच्छा लगता हैै।।
रामगोपाल रैकवार  ने गीत सुनया-
 मार्ग में एकांत कंटक वो रहा है।
 सब है किंतु जैसे मन कुछ खो रहा रहा है।।
ग्राम लखौरा से आये कवि गुलाब सिंह ‘भाऊ’ ने बुन्देली में कहा-
वाहन जो दुनिया में छा गव,महाकाल मौ बागव।।
अमिताभ गोस्वामी ने पढ़ा-आज मुक्त कंठ से गूँज है जय हिन्द की।
अनेकता में एकता विशेषता है हिन्द की।।
सीमा श्रीवास्तव ने पढ़ा-दीप बनके मैं जलता रहा हूँ,
 तिमिर जग का मैं हरता रहा हूँ।।
दीनदयाल तिवारी ने रचना पढ़ी-
अपनी अपनी गल्ती मानों नसें न अपनी तानों,
सार कछू नैयां बातन में उसई करत धिगानों
योगेन्द्र तिवारी ‘योगी’ ने पेरोडी सुनाया-
ये कुर्सी देखकर हम सारी दुनिया भूल जाते है।
डाॅ. अनीता गोस्वामी ने पढ़ा-
सावन की झडी की लंबी कतारे बजारों में झिलमिलाती ये सुनहरी फहारे।
पूरन चन्द्र गुप्ता ने पढ़ा-है प्रतीक तिरंगा झंडा संसद जिसकी आन है,
सारे जग से न्यारा प्यारा अपना हिन्दुस्तान है।
भारत विजय बगेरिया ने सुनाया-
जिन्दगी में हो गयी शाम,उजाले कहाँ होंगे।
आर.एस.शर्मा ने पढ़ा- प्रश्न भरे पेट धनकामी के मनोरंज का है।
शौक आदमी को आदमी से लड़ाने का है।
बी.एल जैनर ने पढ़ा-पहले हम हिन्दुस्तानी है बाद में कुछ होंगे।
 कृष्ण किशोर रावत ने ‘फे्रडशिप डे’ पर ‘पे्रम प़त्र’ के माध्यम से ‘पे्रम’ की बात रखी।
 इनके अलावा वीरेन्द्र चंसौरिया, हरिहर मोहन तिवारी, पी.एल.कड़ा, ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी।
गोष्ठी संचालन डाॅ.अनीता गोस्वामी  ने किया तथा
 सभी का आभार प्रदर्शन परमेश्वरीदास तिवारी ने किया।

रपट- राजी
     अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
       मोबाइल-9893520965,   






akankshaव नामदेव ‘राना लिधौरी’,

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